प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन: PM Fasal Bima Yojana Online Registration
भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां कृषि क्षेत्र में करोड़ों किसान अपनी आजीविका चलाते हैं। भारतीय किसान मौसम की अनिश्चितताओं के कारण हर साल कई कठिनाइयों का सामना करते हैं। सूखा, बाढ़, कीटों के हमले और अन्य प्राकृतिक आपदाएं फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे किसानों की आय पर गहरा असर पड़ता है। इन्हीं समस्याओं से निपटने और किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत की। यह योजना किसानों को कृषि में होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करती है और उनकी आय को स्थिर बनाए रखने में मदद करती है।
Table of Contents
☰ Menu- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का परिचय
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना" (PMFBY) के प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य
- पीएमएफबीवाई के अंतर्गत कौन-कौन कवर किया जा सकता है?
- बीमा कवरेज
- बीमा प्रीमियम की दरें
- फसल बीमा योजना के तहत कवर किए गए जोखिम
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों का नामांकन कैसे करें?
- PM Fasal Bima Yojana Online Registration\
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दावा कैसे करें?
- पीएमएफबीवाई योजना का महत्व
- Importent Link
- Related Link
- सारांश
- FAQ
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का परिचय
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारत सरकार द्वारा खरीफ 2016 से लागू की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और अन्य खतरों के कारण होने वाले फसल नुकसान से आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना का संचालन कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा किया जाता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना" (PMFBY) के प्रमुख बिंदु
विवरण | बिंदु |
---|---|
योजना का नाम | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) |
लॉन्च का वर्ष | खरीफ 2016 |
उद्देश्य | किसानों को फसल नुकसान से वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना, आय में स्थिरता लाना, कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह सुनिश्चित करना, नई कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित करना |
कवरेज फसलें | खाद्य फसलें (अनाज, बाजरा, दालें), तिलहन, वाणिज्यिक फसलें, बागवानी फसलें |
बीमा प्रीमियम दरें | खरीफ फसलें: 2%, रबी फसलें: 1.5%, वार्षिक बागवानी और वाणिज्यिक फसलें: 5% |
कवरेज किया गया जोखिम | रोका बुवाई, फसल स्थायी नुकसान, फसल कटाई के बाद का नुकसान, स्थानीयकृत आपदाएँ |
बीमा दावा कैसे करें | नुकसान की सूचना 72 घंटे के भीतर देना, फसल बीमा पोर्टल पर दावा पंजीकरण, एनईएफटी द्वारा प्रीमियम भुगतान |
नामांकन प्रक्रिया | ऋणदाता किसानों का डेटा बैंक द्वारा पोर्टल पर अपलोड, गैर-ऋणदाता किसानों का डेटा आम सेवा केंद्रों (CSC) के माध्यम से अपलोड |
किसान द्वारा जिम्मेदारियाँ | समय पर क्षति की सूचना देना, बीमित फसल का सत्यापन, प्रीमियम का भुगतान |
योजना का प्रबंधन | कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली |
योजना के लाभार्थी | ऋण प्राप्तकर्ता किसान (अनिवार्य), गैर-ऋण प्राप्तकर्ता किसान (वैकल्पिक) |
पोर्टल | www.pmfby.gov.in |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- फसल नुकसान से सुरक्षा: प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों के कारण किसानों को होने वाले फसल नुकसान से वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- आय में स्थिरता: किसानों की आय को स्थिर रखना ताकि खेती में निरंतरता बनी रहे।
- नई कृषि पद्धतियों का उपयोग: किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित करना।
- कृषि ऋण के प्रवाह में वृद्धि: कृषि क्षेत्र में ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना ताकि किसानों को उत्पादन जोखिमों से सुरक्षा मिले और कृषि विकास में तेजी आए।
पीएमएफबीवाई के अंतर्गत कौन-कौन कवर किया जा सकता है?
- मौसमी कृषि ऋण प्राप्तकर्ता: अधिसूचित फसल मौसम के लिए सभी किसानों को जो मौसमी कृषि संचालन ऋण (फसल ऋण) प्राप्त करते हैं, इस योजना के अंतर्गत अनिवार्य रूप से कवर किया जाएगा।
- गैर-कर्जदार किसान: यह योजना गैर-कर्जदार किसानों के लिए वैकल्पिक है। गैर-कर्जदार किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
बीमा कवरेज
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत निम्नलिखित फसलें बीमा के अंतर्गत आती हैं:
- खाद्य फसलें: जैसे अनाज, बाजरा, दालें।
- तिलहन: जैसे सरसों, सोयाबीन।
- वाणिज्यिक फसलें: जैसे गन्ना, कपास।
- बागवानी फसलें: जैसे आम, केला।
बीमा प्रीमियम की दरें
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा प्रीमियम दरें काफी निम्न रखी गई हैं ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें। बीमा प्रीमियम की दरें इस प्रकार हैं:
- खरीफ की फसलें: 2% प्रीमियम।
- रबी की फसलें: 1.5% प्रीमियम।
- वाणिज्यिक और बागवानी फसलें: 5% प्रीमियम।
फसल बीमा योजना के तहत कवर किए गए जोखिम
पीएमएफबीवाई योजना के अंतर्गत निम्नलिखित जोखिमों को कवर किया गया है:
- बुवाई/रोपण का जोखिम: जब किसान बुवाई या रोपण नहीं कर पाते हैं तो उन्हें 25% बीमा राशि मिलती है।
- फसल की स्थायी क्षति: प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, कीटों के हमले से फसल की क्षति होने पर बीमा लाभ मिलता है।
- फसल कटाई के बाद का नुकसान: कटाई के बाद दो सप्ताह तक की अवधि में यदि किसी प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान होता है, तो बीमा द्वारा क्षतिपूर्ति की जाती है।
- स्थानीयकृत आपदाएँ: व्यक्तिगत खेतों में होने वाले नुकसान जैसे ओलावृष्टि, भूस्खलन आदि से हुए नुकसान के लिए बीमा सहायता मिलती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों का नामांकन कैसे करें?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नामांकन प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। ऋणदाता किसानों के मामले में, बैंक NCIP (राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल) में किसान का डेटा अपलोड करते हैं। गैर-ऋणदाता किसानों को आम सेवा केंद्रों (CSC) के माध्यम से आवेदन करना होता है, जहां किसान स्वयं या एजेंसियां उनकी जानकारी को पोर्टल पर अपलोड करती हैं। प्रीमियम का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से होता है, और किसी भी प्रकार का ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किया जाता है।
PM Fasal Bima Yojana Online Registration\
- किसानों को पीएमएफबीवाई की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करना होगा।
- किसानों को ‘नए किसान उपयोगकर्ता के लिए पंजीकरण’ फॉर्म भरना होगा,
- जिसमें किसान का विवरण, आवासीय विवरण, खाता विवरण और आईडी विवरण शामिल हैं।
- ‘नए किसान उपयोगकर्ता के लिए पंजीकरण’ फॉर्म जमा करने पर, किसान का खाता पीएमएफबीवाई वेबसाइट पर बनाया जाएगा।
- किसानों को पीएमएफबीवाई वेबसाइट पर साइन इन करना होगा और ‘फसल बीमा योजना’ आवेदन पत्र भरना होगा।
- ‘फसल बीमा योजना’ आवेदन पत्र भरने और जमा करने के बाद, आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ
- वित्तीय सुरक्षा: इस योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान के बाद वित्तीय सहायता मिलती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति स्थिर रहती है।
- आसान प्रीमियम दरें: किसानों के लिए बीमा प्रीमियम दरें काफी निम्न हैं, जिससे यह योजना किफायती बनती है।
- राशि का त्वरित भुगतान: बीमा राशि का दावा करने की प्रक्रिया सरल और त्वरित है, जिससे किसानों को समय पर आर्थिक सहायता मिलती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दावा कैसे करें?
किसानों को फसल नुकसान के मामले में बीमा का दावा करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन करना होता है:
- क्षति की सूचना देना: किसान को फसल नुकसान के 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचित करना होता है। यह सूचना बैंक, कृषि विभाग, या संबंधित जिला अधिकारी के माध्यम से भी दी जा सकती है।
- स्थानीय आपदाओं का दावा: स्थानीय आपदाओं के कारण हुए नुकसान का आकलन बीमाकृत खेत स्तर पर किया जाता है, और किसान को नुकसान की सूचना 72 घंटे के भीतर देनी होती है।
- ऑनलाइन दावे: किसानों को दावे के लिए आवश्यक दस्तावेज़ ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने होते हैं। इसके बाद बीमा कंपनी द्वारा जांच की जाती है और मुआवजे का भुगतान किया जाता है।
पीएमएफबीवाई योजना का महत्व
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम किया है। इस योजना ने उन किसानों की मदद की है जो प्राकृतिक आपदाओं के कारण हर साल भारी नुकसान झेलते थे। योजना के तहत किसानों को केवल नाममात्र की प्रीमियम राशि का भुगतान करना होता है, और उन्हें भारी मुआवजा प्राप्त होता है।
Importent Link
Official website | www.pmfby.gov.in |
Registration Link | Fasal Bima Yojana Online Registration |
Related Link
सारांश
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारतीय किसानों के लिए एक वरदान साबित हुई है। इस योजना ने न केवल किसानों को फसल नुकसान से बचाया है, बल्कि उन्हें कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित किया है। सरकार के इस कदम से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, और वे भविष्य में खेती के जोखिमों से डरने के बजाय आत्मविश्वास से काम कर सकते हैं।
FAQ
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) क्या है?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और अन्य जोखिमों के कारण होने वाले फसल नुकसान से सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना किसानों को वित्तीय सहायता देती है ताकि वे अपनी आय को स्थिर रख सकें और खेती में निरंतरता बनाए रख सकें।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य क्या है?
योजना के उद्देश्य हैं: किसानों को फसल नुकसान से सुरक्षा प्रदान करना। किसानों की आय में स्थिरता लाना। उन्हें आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना। कृषि ऋण का प्रवाह बढ़ाना और किसानों की कृषि जोखिमों से रक्षा करना।
इस योजना के तहत कौन-कौन से किसान कवर किए जाते हैं?
इस योजना के तहत वे किसान आते हैं जिन्होंने वित्तीय संस्थानों से मौसमी कृषि संचालन ऋण (फसल ऋण) प्राप्त किया है। यह कवरेज अनिवार्य होता है। गैर-कर्जदार किसानों के लिए यह योजना वैकल्पिक होती है और वे भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
बीमा कवरेज के अंतर्गत कौन-कौन सी फसलें आती हैं?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत निम्नलिखित फसलें कवर की जाती हैं: खाद्यान्न (अनाज, बाजरा, दालें) तिलहन वाणिज्यिक फसलें (गन्ना, कपास) बागवानी फसलें (फलों और सब्जियों की फसलें)
किसान को बीमा कंपनी को कितनी प्रीमियम दर देनी होती है?
प्रीमियम दरें इस प्रकार हैं: खरीफ की फसलें: 2% प्रीमियम रबी की फसलें: 1.5% प्रीमियम वाणिज्यिक और बागवानी फसलें: 5% प्रीमियम
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नामांकन कैसे किया जा सकता है?
ऋणदाता किसानों का डेटा बैंक द्वारा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (NCIP) पर अपलोड किया जाता है। गैर-ऋणदाता किसानों को सामान्य सेवा केंद्र (CSC) के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होता है। किसानों को अपना प्रीमियम ऑनलाइन माध्यम से जमा करना होता है, और ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाते।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किन जोखिमों को कवर किया गया है?
योजना के तहत निम्नलिखित जोखिम कवर किए जाते हैं: बुवाई/रोपण का जोखिम फसल की स्थायी क्षति (सूखा, बाढ़, कीट हमले आदि) कटाई के बाद का नुकसान स्थानीयकृत आपदाएँ (ओलावृष्टि, भूस्खलन, बाढ़)
किसानों को बीमा दावा कैसे करना चाहिए?
किसान को फसल नुकसान के 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी, बैंक, या कृषि विभाग को सूचित करना होता है। स्थानीय आपदाओं के मामले में नुकसान का आकलन व्यक्तिगत खेत स्तर पर किया जाता है। सभी दस्तावेज़ और जानकारी को राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर अपलोड करना होता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को कितना बीमा कवर मिलता है?
बीमा कवरेज बीमित राशि / हेक्टेयर के आधार पर होता है, जो अधिसूचित फसल के लिए बोए गए क्षेत्र के हिसाब से होता है। इसका निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है और राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर अधिसूचित किया जाता है।
प्रीमियम का भुगतान कैसे किया जा सकता है?
किसान प्रीमियम का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करते हैं। प्रीमियम का भुगतान एनईएफटी (NEFT) के माध्यम से होता है, और डिमांड ड्राफ्ट (DD) या चेक स्वीकार नहीं किए जाते।
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