धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना PDF || क्या और लाभ जानें
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना भारत सरकार द्वारा जनजातीय समुदायों के समग्र और सतत विकास के लिए शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर झारखंड के हजारीबाग से किया। इस योजना का कुल परिव्यय 79,156 करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र सरकार का योगदान 56,333 करोड़ रुपये और राज्य सरकारों का 22,823 करोड़ रुपये है।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जनजातीय बहुल क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण अंतराल को पाटना है। इसके अंतर्गत 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 63,843 गांवों के लगभग 5 करोड़ जनजातीय लोगों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। योजना में 17 मंत्रालयों द्वारा 25 हस्तक्षेप किए जाएंगे, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, आधारभूत ढांचा और आर्थिक सशक्तिकरण शामिल हैं।
इस योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, आयुष्मान भारत जैसी प्रमुख योजनाओं का समन्वय करते हुए ग्रामीण जनजातीय क्षेत्रों को बुनियादी सुविधाओं और सेवाओं से सशक्त किया जाएगा। इसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारना है।
Table of Contents
☰ Menu- धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना क्या है
- Dharti Aaba Janjatiya Gram Utkarsh Abhiyan Yojana - Key Points
- Dharti Aaba Janjatiya Gram Utkarsh Abhiyan Yojana का उदेश्य
- धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना के लाभ
- जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की विशेषताएं
- धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना – पहुँचना
- धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना और लक्ष्य
- अभियान का दायरा
- सहयोगी भागीदार
- निष्कर्ष - धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना PDF
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना क्या है
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना (DAJGUA) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य देश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत, 17 मंत्रालयों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में 25 हस्तक्षेपों को लागू किया जाएगा, जिससे जनजातीय समुदायों को शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, और बुनियादी ढांचे में सुधार के अवसर मिलेंगे। 63,843 गांवों को कवर करने वाली इस योजना का कुल परिव्यय 79,156 करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों का संयुक्त योगदान है। योजना का लक्ष्य जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले 5 करोड़ से अधिक लोगों को सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करना है।
Dharti Aaba Janjatiya Gram Utkarsh Abhiyan Yojana - Key Points
Key Points | Details |
---|---|
शुरू होने की तिथि | 2 अक्टूबर 2024 (गांधी जयंती) |
शुरू करने वाले | प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी |
शुरुआत का स्थान | हजारीबाग, झारखंड |
कुल बजट | ₹79,156 करोड़ |
केंद्र सरकार का योगदान | ₹56,333 करोड़ |
राज्य सरकार का योगदान | ₹22,823 करोड़ |
कवरेज | 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, 549 जिलों, 2,911 ब्लॉकों और 63,843 जनजातीय गांवों में योजना लागू होगी |
लाभार्थी | 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोग |
लक्ष्य | सामाजिक बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में सुधार कर जनजातीय क्षेत्रों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना |
भाग लेने वाले मंत्रालय | 17 मंत्रालयों द्वारा 25 हस्तक्षेप (इंटरवेंशन) |
प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान | आवास, सड़क संपर्क, जल आपूर्ति, बिजली, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कौशल विकास, और आजीविका उत्पन्न करना |
कार्यन्वयन अवधि | अगले 5 वर्षों में |
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) | पात्र एसटी परिवारों को पक्का मकान, जिसमें जल जीवन मिशन के तहत पानी और आरडीएसएस के तहत बिजली की सुविधा होगी |
स्वास्थ्य कवरेज | पात्र परिवारों को आयुष्मान भारत (पीएमजेएवाई) के तहत स्वास्थ्य सुविधाएँ, दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल चिकित्सा इकाइयाँ |
शिक्षा | जीईआर (सकल नामांकन अनुपात) बढ़ाने के लिए, समग्र शिक्षा योजना के तहत जनजातीय छात्रावास स्थापित करना |
आर्थिक सशक्तिकरण | कौशल विकास, स्वरोजगार को बढ़ावा देना, जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (टीएमएमसी) के माध्यम से विपणन सहायता, FRA धारकों के लिए सहायता |
निगरानी | पीएम गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी |
विशेष योजनाएं | आदिवासी गृह प्रवास कार्यक्रम, सरकारी आवासीय विद्यालयों का उन्नयन, एफआरए धारकों के लिए सतत आजीविका, सिकल सेल रोग निदान की सुविधाएँ |
प्रेरणा स्रोत | पीएम-जनमन पहल (15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस पर शुरू) जिसका बजट ₹24,104 करोड़ |
Dharti Aaba Janjatiya Gram Utkarsh Abhiyan Yojana का उदेश्य
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना का उद्देश्य भारत के जनजातीय क्षेत्रों और समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत जनजातीय क्षेत्रों में जीवन स्तर सुधारने और वहां के लोगों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और योजनाओं का अभिसरण करके बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाता है। इस योजना के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं:
- समाजिक बुनियादी ढांचे का विकास: जनजातीय बहुल गांवों में पक्के घर, स्वच्छ पेयजल, बिजली, सड़क, और स्वास्थ्य सेवाएं जैसी बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराना।
- शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार: जनजातीय बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुलभ बनाना और स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना। इसमें स्कूलों में नामांकन बढ़ाने, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, और मोबाइल मेडिकल इकाइयों के माध्यम से सेवाएं प्रदान करना शामिल है।
- आजीविका और आर्थिक सशक्तिकरण: जनजातीय समुदायों के लिए कौशल विकास, उद्यमिता, और स्वरोजगार को बढ़ावा देना। इसके तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम, विपणन सहायता, और कृषि, पशुपालन तथा मत्स्य पालन के लिए समर्थन प्रदान करना शामिल है।
- सतत विकास: योजना का लक्ष्य जनजातीय क्षेत्रों में विकास को सतत और पर्यावरणीय रूप से स्थिर बनाना है, ताकि आदिवासी समुदायों की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
- संवेदनशील जनजातीय समूहों का विकास: विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) की आजीविका और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विशेष योजनाएं तैयार करना।
कुल मिलाकर, इस योजना का मुख्य उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना, उनके लिए समृद्ध और आत्मनिर्भर समुदायों का निर्माण करना है।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना के लाभ
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों और समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है। इसके तहत समाज के वंचित और पिछड़े जनजातीय समूहों को विशेष लाभ और सुविधाएँ दी जाती हैं। योजना के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
आवास और बुनियादी सुविधाएँ:
- पात्र जनजातीय परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत पक्के घर उपलब्ध कराए जाएंगे।
- घरों में नल से जल (जल जीवन मिशन) और बिजली आपूर्ति (आरडीएसएस) सुनिश्चित की जाएगी।
- इससे जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा और उनके जीवन स्तर में बढ़ोतरी होगी।
स्वास्थ्य सुविधाएँ:
- आयुष्मान भारत योजना के तहत जनजातीय परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित की जाएगी।
- टीकाकरण और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मोबाइल मेडिकल इकाइयों की व्यवस्था की जाएगी, विशेषकर दूर-दराज और पहाड़ी क्षेत्रों में।
- यह योजना सिकल सेल रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए उन्नत चिकित्सा सुविधाओं का भी प्रावधान करती है।
शिक्षा में सुधार:
- जनजातीय विद्यार्थियों के लिए स्कूल और उच्च शिक्षा में ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो (GER) को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
- जनजातीय छात्रावासों और स्कूलों का बुनियादी ढांचा सुधारा जाएगा, ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच आसान हो सके।
आर्थिक सशक्तिकरण:
- योजना में कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा। जनजातीय युवाओं को 10वीं और 12वीं के बाद दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मदद दी जाएगी, ताकि जनजातीय समुदायों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।
सड़क और इंटरनेट कनेक्टिविटी:
- सभी मौसम में सड़क संपर्क (PMGSY) और मोबाइल कनेक्टिविटी (भारत नेट) सुनिश्चित की जाएगी, जिससे जनजातीय क्षेत्रों में डिजिटल और भौतिक कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
- इससे जनजातीय क्षेत्रों का संचार और व्यापारिक गतिविधियों में सुधार होगा, और वे राष्ट्रीय मुख्यधारा से जुड़ पाएंगे।
जनजातीय विपणन केंद्र (TMMC):
- जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (TMMC) की स्थापना की जाएगी, जिससे जनजातीय उत्पादों की मार्केटिंग और उनकी आजीविका के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।
- यह केंद्र वन उपज और हस्तशिल्प की मार्केटिंग में सहायता करेगा, जिससे जनजातीय समुदायों की आय बढ़ेगी।
वृद्धावस्था में सम्मान:
- जनजातीय वृद्ध जनों के लिए विशेष रूप से सम्मानजनक वृद्धावस्था सुनिश्चित करने के लिए योजनाओं का प्रावधान किया जाएगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो और उन्हें सामाजिक सुरक्षा मिले।
सिकल सेल रोग से निपटना:
- इस योजना के तहत सिकल सेल रोग के निदान और उपचार के लिए विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। यह बीमारी जनजातीय समुदायों में प्रचलित है और इसके इलाज के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।
सर्वांगीण विकास और समावेशन:
- इस योजना के माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि उन्हें देश के विकास में समुचित योगदान देने का अवसर मिल सके।
- 17 मंत्रालयों द्वारा संचालित 25 योजनाओं के अंतर्गत जनजातीय गांवों का समावेश किया जाएगा, जो सामाजिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य, और आर्थिक क्षेत्रों में प्रगति लाने में मदद करेगी।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है, जिससे उन्हें समृद्ध और सम्मानजनक जीवन मिल सके।
जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की विशेषताएं
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- समग्र और सतत विकास: यह योजना जनजातीय क्षेत्रों और समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका, और सामाजिक बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण अंतराल को भरने का उद्देश्य है।
- केंद्रीय और राज्य सरकार का योगदान: योजना का कुल परिव्यय 79,156 करोड़ रुपये है, जिसमें 56,333 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 22,823 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा दिए जाएंगे।
- विस्तृत कार्यान्वयन: अभियान का कार्यान्वयन 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,911 ब्लॉकों में फैले 63,843 जनजातीय बहुल गांवों में किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ मिलेगा।
- 17 मंत्रालयों द्वारा 25 हस्तक्षेप: इस अभियान के तहत 17 मंत्रालयों द्वारा 25 हस्तक्षेप किए जाएंगे। प्रत्येक मंत्रालय विशेष रूप से अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (DAPST) के तहत जिम्मेदार होगा।
- आवास और बुनियादी सुविधाएं: योजना के तहत पात्र एसटी परिवारों को पक्का घर, जल जीवन मिशन के तहत नल से पानी की आपूर्ति, बिजली (आरडीएसएस), आयुष्मान भारत कार्ड जैसी सुविधाएं प्राप्त होंगी।
- सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी: अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों को सभी मौसमों में सड़क संपर्क, मोबाइल कनेक्टिविटी (भारत नेट), और इंटरनेट की पहुंच प्रदान की जाएगी।
- स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के साथ-साथ समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में सुधार किया जाएगा। आदिवासी छात्रों के लिए छात्रावासों की स्थापना की जाएगी ताकि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके।
- आजीविका और कौशल विकास: इस योजना के तहत कौशल विकास, उद्यमिता, और आजीविका को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें अनुसूचित जनजाति के छात्रों को 10वीं और 12वीं के बाद दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रमों की सुविधा मिलेगी।
- जनजातीय बहुउद्देश्यीय विपणन केंद्र: योजना के अंतर्गत जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (टीएमएमसी) के माध्यम से बाजार में पहुंच बढ़ाई जाएगी और एफआरए पट्टा धारकों को कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन में सहायता प्रदान की जाएगी।
- सतत निगरानी: इस अभियान की प्रगति पीएम गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से भौतिक और वित्तीय मानकों पर निगरानी की जाएगी। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा।
यह योजना जनजातीय समुदायों की समग्र उन्नति और सशक्तिकरण के लिए एक प्रमुख पहल है, जो इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और आर्थिक सुधारों को बढ़ावा देती है।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना – पहुँचना
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों और समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है। यह योजना जनजातीय बहुल गांवों के सामाजिक, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में सुधार करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बीच तालमेल बैठाकर काम करती है। इसका प्रमुख लक्ष्य उन क्षेत्रों में बुनियादी आवश्यकताओं की कमी को पूरा करना है, जहां अभी तक विकास कार्यों की पहुंच नहीं हो पाई है।
योजना के तहत, भारत के 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय बहुल गांवों को शामिल किया गया है। यह अभियान 549 जिलों और 2,911 ब्लॉकों में फैले लगभग 63,843 गांवों को कवर करेगा। इसका प्रभाव 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों पर पड़ेगा, जिनकी जिंदगी में बुनियादी ढांचा सुधार, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, और आर्थिक सशक्तिकरण से बड़ा बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है।
यह पहल जनजातीय समुदायों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के साथ-साथ उन्हें मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से बनाई गई है।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना और लक्ष्य
- सक्षम बुनियादी ढांचे का विकास: पक्का आवास: पात्र एसटी परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत पक्का घर, नल से पानी, और बिजली आपूर्ति दी जाएगी।
- गांव के बुनियादी ढांचे में सुधार: सभी मौसम में सड़क संपर्क, मोबाइल कनेक्टिविटी, और इंटरनेट तक पहुंच सुनिश्चित करना।
- आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना: कौशल विकास और उद्यमिता: अनुसूचित जनजातियों के लड़के/लड़कियों को कौशल पाठ्यक्रमों तक पहुंच प्रदान करना, और जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्रों के माध्यम से विपणन सहायता प्रदान करना।
- अच्छी शिक्षा तक पहुंच का सार्वभौमिकरण: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: स्कूलों और उच्च शिक्षा में समग्र नामांकन अनुपात (GER) को बढ़ाना, और आदिवासी छात्रावासों की स्थापना करना।
- स्वस्थ जीवन और सम्मानजनक वृद्धावस्था: स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता: अनुसूचित जनजातियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना, और टीकाकरण कवरेज बढ़ाना।
अभियान का दायरा
यह अभियान 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,911 ब्लॉकों के लगभग 63,843 जनजातीय गांवों को कवर करेगा, जिससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ होगा।
सहयोगी भागीदार
अभियान के अंतर्गत शामिल जनजातीय गांवों को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर मैप किया जाएगा, जहां भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी की जाएगी। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा।
निष्कर्ष - धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना PDF
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना का उद्देश्य जनजातीय समुदायों के लिए जीवन स्तर को सुधारना और उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाना है। यह योजना विभिन्न सरकारी विभागों के सहयोग से सामाजिक-आर्थिक विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना क्या है?
यह योजना जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के लिए शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, और आजीविका में सुधार करना है।
इस योजना का शुभारंभ कब और कहाँ हुआ?
इस योजना का शुभारंभ 2 अक्टूबर 2023 को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर झारखंड के हजारीबाग से हुआ।
इस योजना का कुल बजट कितना है?
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का कुल परिव्यय ₹79,156 करोड़ है।
इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार का योगदान कितना है?
इस योजना में केंद्र सरकार का योगदान ₹56,333 करोड़ और राज्य सरकार का योगदान ₹22,823 करोड़ है।
इस योजना के तहत कौन से मंत्रालय भाग लेते हैं?
भारत सरकार के 17 मंत्रालय इस योजना में भाग ले रहे हैं, जो 25 हस्तक्षेपों के माध्यम से योजनाओं का कार्यान्वयन करेंगे।
योजना का उद्देश्य क्या है?
योजना का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, और बुनियादी ढांचे में सुधार करना है, जिससे जनजातीय समुदायों का समग्र और सतत विकास हो सके।
कितने गांव इस योजना के अंतर्गत आते हैं?
यह योजना 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 63,843 जनजातीय गांवों को कवर करती है।
इस योजना से कितने लोग लाभान्वित होंगे?
इस योजना से 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोग लाभान्वित होंगे।
इस योजना में कौन से क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है?
योजना में मुख्य रूप से बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, और आजीविका पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
इस योजना के तहत किस प्रकार की आवास सुविधा दी जाएगी?
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत पात्र एसटी परिवारों को पक्का आवास, नल से पानी, और बिजली आपूर्ति की सुविधा दी जाएगी।
क्या योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी?
हां, योजना के तहत एसटी परिवारों को आयुष्मान भारत कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी और टीकाकरण कवरेज भी बढ़ाया जाएगा।
क्या योजना के तहत कौशल विकास कार्यक्रम हैं?
हां, योजना के तहत कौशल विकास, उद्यमिता, और स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे जनजातीय समुदायों को प्रशिक्षण और आजीविका के अवसर मिल सकें।
क्या यह योजना शिक्षा पर भी ध्यान देती है?
हां, योजना में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और जनजातीय छात्रों के लिए छात्रावासों की स्थापना का प्रावधान है।
इस योजना का कार्यान्वयन कैसे होगा?
इस योजना का कार्यान्वयन 17 मंत्रालयों के सहयोग से किया जाएगा, जो अगले 5 वर्षों में समयबद्ध तरीके से योजनाओं को लागू करेंगे।
क्या योजना में आजीविका को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रावधान है?
हां, योजना के तहत एफआरए पट्टा धारकों को कृषि, पशुपालन, और मत्स्य पालन में सहायता दी जाएगी, और विपणन सहायता भी प्रदान की जाएगी।
योजना का लाभ किन्हें मिलेगा?
योजना का लाभ अनुसूचित जनजातियों के परिवारों को मिलेगा, जो पात्र होंगे और जनजातीय बहुल क्षेत्रों में रह रहे होंगे।
इस योजना का प्रबंधन कैसे किया जाएगा?
इस योजना का प्रबंधन पीएम गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा, जहां भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी की जाएगी.
योजना के तहत किस प्रकार की नवीन योजनाएं तैयार की गई हैं?
योजना में आदिवासी गृह प्रवास, सतत आजीविका के लिए वन अधिकार धारक, और सिकल सेल रोग के निदान जैसी नवीन योजनाएं शामिल हैं।
इस योजना की निगरानी कौन करेगा?
इस योजना की निगरानी पीएम गति शक्ति मंच द्वारा की जाएगी और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा।
योजना की सफलता को कैसे मापा जाएगा?
योजना की सफलता को जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे में सुधार के आधार पर मापा जाएगा।
Comments Shared by People